धारा लक्ष्य समाचार विनय कुमार
बलरामपुर ब्यूरो चीफ उपसम्भागीय कृषि कार्यालय उतरौला में तकनीकी उपकरण न होने से दो वर्षों से किसानों के खेतों का मिट्टी परीक्षण बंद पड़ा है। इसमें मिट्टी परीक्षण बंद होने से तहसील उतरौला क्षेत्र के किसानों की मिट्टी जिला मुख्यालय पर भेजी जाती है। जिला मुख्यालय पर मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट महीनों बाद मिलने से किसानों के उपयोगिता में नहीं रह जाती है।
शासन ने किसानों को खेती के लिए सुविधाएं दिलाने के लिए तहसील स्तर पर उपसम्भागीय कृषि कार्यालय उतरौला में स्थापित किया है। इसमें किसानों के खेतों की मिट्टी परीक्षण, खेती करने के आधुनिक तरीकों व उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था रहती है लेकिन कार्यालय का भवन जर्जर होने से इस कार्यालय में वर्षों से किसानों का प्रशिक्षण व गोष्ठी कृषि विभाग ने नहीं कराई गई है।
इस कार्यालय में मिट्टी परीक्षण के लिए लगने वाले आधुनिक संयंत्र,फ्लेम फोटो मीटर, डीसी मीटर, डीएम मीटर समेत तमाम संयंत्र कृषि विभाग की उदासीनता से नहीं लग सके हैं। मिट्टी परीक्षण के संयंत्रों के अभाव में इस कार्यालय पर मिट्टी परीक्षण का कार्य बंद पड़ा है।

किसानों के मिट्टी परीक्षण के लिए न्याय पंचायतों स्तर पर कृषि विभाग ने संविदा पर टेक्निकल कर्मचारी तैनात कर रखा है जो किसानों के खेतों की मिट्टी नमूना लेकर इस कार्यालय में इकट्ठा करते हैं और उसे जिला मुख्यालय पर परीक्षण के लिए भेजा जाता है। उसकी रिपोर्ट बनाने में महीनों लग जाते हैं।
इसी रिपोर्ट के आधार पर किसान अपने खेतों में अनुपात के अनुसार खाद का प्रयोग करते हैं। जिले में तैनात मृदा परीक्षण अध्यक्ष छोटे लाल ने बताया कि मृदा परीक्षण के लिए आधुनिक मशीनों की डिमांड एक वर्ष पहले कृषि निदेशक से की गई है। उसके बाद विभाग को रिमाइंडर भी भेजा गया है लेकिन अभी तक संयंत्र इस कार्यालय को नहीं मिला है।
मृदा परीक्षण के लिए प्रत्येक विकासखण्ड से ६०० मृदा इकट्ठा किया गया है। जिसमें अधिकांश मृदा का परीक्षण कर उसमें सूक्ष्म पोषक तत्वों की जांच जिले पर किया जा चुका है। उसकी रिपोर्ट किसानों को भेज दी गई है।
