बूढ़े बाबा की दरगाह में रमजान गाजी ने निभाई वर्षों पुरानी परंपरा
धारा लक्ष्य समाचार बाराबंकी। सतरिख स्थित दरगाह शरीफ हजरत सैय्यद सालार साहू गाजी (बूढ़े बाबा) के वार्षिक उर्स से पहले एक प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया गया। सतरिख निवासी रमजान गाजी ने अपने बाग के पहले पके आम की सीप दरगाह में पेश की आम की पहली सीप को दरगाह में पेश किया।

जाना यहां की पुरानी परंपरा है। पिछले साल यह सम्मान दरियाबाद निवासी आमिर राईन को मिला था। प्रबंध कमेटी के सचिव चौधरी कलीम उद्दीन उस्मानी ने बताया कि यह दरगाह राष्ट्रीय एकता और गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है। दरगाह में कई परंपराएं आज भी जीवंत हैं। हिंदू परिवार यहां अपने बच्चों का मुंडन संस्कार करवाते हैं। साथ ही जहां भी आम की पहली सीप गिरती है।
, लोग उसे बाबा के आस्थान पर लाकर चढ़ाते हैं। इस अवसर पर सरफराज अहमद खान, विशम्बर यादव, पप्पू मियां शरीफाबादी, मोहम्मद तुफैल, सद्दाम हुसैन, सुंदर लाल गौतम, कन्धाई लाल, राम सिंह समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
