Shamli news:हाई कोर्ट व शासन के आदेश को ठेंगा दिखाता शामली का बेसिक शिक्षा विभाग

शामली रिपोर्ट मनोज कुमार चौधरी 95686 86083

हाईं कोर्ट के 7फरवरी 2025 के आदेश तीन माह में बहाली के आदेश के बाद भी आज तक बहाली नहीं

शामली विकास क्षेत्र के अध्यापक को बल्ला मजरा में नियम विरुद्ध बनाया निर्माण प्रभारी

जिन अधिकारियों की रिपोर्ट पर निलंबन किया गया उन्हें ही बहाली हेतु जांच अधिकारी बनाना चर्चा का विषय उक्त अधिकारी अपनी रिपोर्ट को कैसे बदलेंगे

शामली जनपद का बेसिक शिक्षा विभाग वैसे तो अपनी कारगुजारीओ के लिए प्रसिद्ध है और आए दिन कुछ न कुछ नए मनमाने आदेश शासन के आदेश व माननीय हाई कोर्ट के आदेश को ठेगा दिखाते हुए नजर आते हैं ताजा मामला विकास क्षेत्र ऊन के पी एम श्री कंपोजिट विद्यालय बल्ला मजरा के प्रधानाध्यापक बाबू हसन से जुड़ा हुआ है।

यूं तो कंपोजिट विद्यालय बल्ला मजरा का विवादों से पुराना नाता रहा है कभी बल्ला मजरा के अध्यापक पर छेड़छाड़ का आरोप लगता है कभी बल्ला मजरा के ही दूसरे टीचर पर कम आय का प्रमाण पत्र बनवा कर अपने बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ लेने का मामला प्रकाश में आता है ।

शिकायत के बाद छात्रवृत्ति धनराशि की रिकवरी जमा करने का मामला आता है ऐसा ही मामला प्रधानाध्यापक बाबू हसन का है वर्ष 2024 में बाबू हसन प्रधानाध्यापक अध्यापक व सुनील सागर सहायक अध्यापक के बीच में झगड़ा होता है ।

झगड़े का मुख्य कारण सुनील सागर द्वारा चुनाव ड्यूटी के समय स्कूल को ने खोलना होता है क्योंकि बाबू हसन की चुनाव में ड्यूटी किसी अन्य जगह पर लगी थी और सुनील सागर गांव में बी एल ओ के पद पर तैनात सुनील सागर द्वारा चुनाव के दिन पोलिंग पार्टी के लिए स्कूल को न खोलना और sdm ऊन के फोन करने के बावजूद भी सुनिल सागर के द्वारा स्कूल का ताला नहीं खोला गया।

पोलिंग पार्टी के द्वारा स्कूल का ताला तोड़कर अंदर अपना समान रखना चुनाव के बाद प्रधानाध्यापक बाबू हसन व सुनील सागर के बीच का कहा सुनी होती है कहा सुन इतनी होती है कि 112 नंबर पुलिस को बुलाया जाता है ।

पुलिस के द्वारा बाबू हसन व सुनील सागर को चौसाना चौकी ले जाया जाता है दोनों को शाम को छोड़ दिया जाता है लेकिन बाबू हसन को खंड शिक्षा अधिकारी के कहने पर आकस्मिक अवकाश पर भेज दिया जाता है और उसके बाद बाबू हसन पर एक तरफा कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया गया ।

सुनील सागर के द्वारा स्कूल का रिकॉर्ड चुरा लिया जाता है और कुछ रिकॉर्ड को brc पर जमा कर दिया जाता है लेकिन सुनील सागर पर कोई कारवाई नहीं की जाती दिसंबर 2024 में प्रधानाध्यापक बाबू हसन की बहाली उच्च प्राथमिक विद्यालय दथेड़ा में बहाल कर दिया जाता है लेकिन दुबारा फिर सुनील सागर के द्वारा फिर एक शिकायत मिड डे मील में गड़बड़ी की की जाती है।

और फिर जितेंद्र डीसी एम डी एम ओर खंड शिक्षा अधिकारी ऊन के द्वारा बाबू हसन को फिर निलंबित कर दिया जाता है और मिड डे मील की गड़बड़ी के 517000 की रिकवरी निकाल दी जाती है बेसिक शिक्षा विभाग का गजब कारनामा दूध की रखवाली पर बिल्ली छोड़ दी जाती है ।

जब मिड डे मील में गड़बड़ी की शिकायत थी तो जितेंद्र कुमार डीसी मिड डे मील इतने दिन से क्या कर रहे थे क्या आंख मिचकर सो रहे थे उन्हें नहीं दिखाई दिया की कहां-कहां मिड डे मील में कितनी गड़बड़ी है इतना एडवांस पैसा क्यों भेजा गया और उससे भी गजब की बात उन्हीं को जांच सौंप दी गई ।

उक्त रिकवरी के खिलाफ बाबू हसन माननीय हाई कोर्ट की शरण में चले गए 7 फरवरी 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के रिकवरी आदेश 15/01/2025के बारे मे लिखा कि 15/01/2025 is perse illegal and it is hereby set aside and preferably within a period of three month from today. ओर इस तरह इलीगल करार दे दिया जाता है ।

और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शामली को आदेशित किया जाता है कि 3माह के अंदर एक दोबारा कमेटी का गठन कर बाबू हसन की बहाली की जांच कर बहाल किया जाए लेकिन आज तक बाबू हसन को बहाल तो नहीं किया गया बल्कि रिकवरी की दोबारा जांच जितेंद्र कुमार जिला कोऑर्डिनेटर मिड डे मील व खंड शिक्षा अधिकारी ऊन विकास कुमार और वित्त एवं लेखा अधिकारी शामली कौशल कुमार एवं खंड शिक्षा अधिकारी कांधला श्रीमती सविता डबराल को जांच सौंप दी गई ।

अब बेसिक शिक्षा विभाग का कमाल देखिए की जिन अधिकारियों की जांच पर निलंबित किया गया उन्हें अधिकारियों को जांच टीम का हिस्सा बना दिया गया जबकि नियम अनुसार जिस अधिकारी की जांच पर निलंबन किया जाता है उन अधिकारी को बहाली की जांच टीम का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग को किसी शासन के आदेश या हाई कोर्ट के आदेश की कोई परवाह नहीं और अपने मनमर्जी के आदेश पारित करते हैं।

अभी यह तो भविष्य के गर्भ में है कि क्या होगा लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग अपने मनमानी आदेशों के लिए जाना जाता है इस संबंध में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शामली से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया जब जांच टीम के इंचार्ज वित्त एवं लेखा अधिकारी शामली से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने भी फोन रिसीव नहीं किया।

इस संबंध में जब बाबू हसन के द्वारा बताया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने मनमाने आदेशों के कारण मुझे परेशान कर रखा है जब मेरे द्वारा रिकॉर्ड चोरी का प्रार्थनापत्र खंड शिक्षा अधिकारी ऊन पर दिया गया था तो उस पर न तो एफ आई आर दर्ज कराई गई ओर न ही कोई जांच की गई बल्कि एकतरफा कार्यवाही करते हुए मुझे एक ही जुर्म के लिए दो बार निलंबित कर दिया गया है।

और अपने आप प्राथमिक विद्यालय बल्ला मजरा में निर्माण प्रभारी दूसरे ब्लॉक शामली के अध्यापक को बनाया गया है जबकि नियम अनुसार जिस ब्लॉक में निर्माण कार्य होना है उसी ब्लाक का निर्माण प्रभारी बनाया जाता है इससे यह साबित होता है कि शामली का बेसिक शिक्षा विभाग अपने मनमानी आदेश करता है ।

और अपने आप को शासन व हाई कोर्ट से ऊपर मानता है अब देखते हैं की माननीय हाई कोर्ट के आदेशों का क्या असर होता है या फिर बाबू हसन को दुबारा हाइ कोर्ट की शरण में जाना पड़ेगा l

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