जैन बाग स्थित प्राचीन जैन मंदिर में अनंतानंत सिद्ध परमेष्ठियो की महा आराधना श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान का शुभारंभ प्रातः काल की मंगल बेला में ध्वजारोहण से प्रारंभ हुआ, saharanpur news

 

धारा लक्ष्य समाचार

सहारनपुर।

जैन मंदिर में ध्वजारोहण चौ अनुज द्वारा किया गया, तत्पश्चात घट यात्रा, मंडप शुद्धि और अन्य मांगलिक क्रियाएं हुई, महामंडल विधान की सभी क्रियाएं सौधर्म इद्र के रूप मे विनय-कविता जैन,राजा श्रीपाल मैना सुंदरी, रवि-सीमा जैन, कुबेर,प्रवीण जैन-गीता जैन, महायज्ञ नायक नरेंद्र जैन-उषा जैन पात्रो द्वारा मंत्रोच्चार और विधि विधान से संपन्न की गयी।इस मांगलिक पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के विशाल समुदाय को उपदेशित देते हुए परम पूज्य आचार्य श्री विमर्श सागर जी महाराज ने कहा आज मनुष्य को जिस वस्तु की महिमा आती है वह उसे प्राप्त करके छोड़ना नहीं चाहता, आज का मानव मोबाइल में इतना व्यस्त हो गया है कि वह एक घंटा भी मोबाइल छोड़ना नहीं चाहता, मोबाइल से सांसारिक कार्य सुलभ हो सकते हैं,लेकिन आत्म कल्याण नहीं हो सकता,विडंबना है चौबीस घंटे में प्रभु की भक्ति के लिए हमारे पास एक घंटा भी नहीं है, प्रभु की भक्ति की अपेक्षा मोबाइल की महिमा अधिक हो गयी है,पूजा अर्चना करते समय भी तीनो लोक के नाथ से दृष्टि हटाकर मोबाइल पर बात करने लगते हैं,यह भगवान की साक्षात उपेक्षा है,जिसका फल बहुत दुखदाई है,वीतराग प्रभु की भक्ति से ही हमें सुख शांति समृद्धि प्राप्त होती है, निराकुल और निकांक्षित भावो से की गयी भक्ति सभी दुखों को दूर करके शाश्वत सुख शांति प्रदान करती है, आठ दिवसीय अष्टाह्निका महा विधान मे संयम और नियम का अतुल्यनीय महत्व है, इस काल में की गई भक्ति और ग्रहण किया गया संयम अनन्त गुणा फल देने वाला होता है, स्वर्ग के देव भी अपने उत्कृष्ट वैभव को छोड़कर नंदीश्वर द्वीप में प्रभु की भक्ति के लिए पृथ्वी लोक आ जाते हैं, हम सभी श्रावक श्राविकाओं को यथासम्भव गृहस्थी के सांसारिक कार्यों को त्याग कर आठ दिवसीय अनुष्ठान में मन वचन काय की पवित्रता के साथ एकाग्रचित होकर लगना चाहिए,यह हमारे आत्म कल्याण में हितकारी है,चतुर्थ काल के अरिहंत प्रभु के समवशरण की भांति नगर में चतुर्विध संघ विराजमान है,यह अत्यंत दुर्लभ सौभाग्य सहारनपुर वासियों को प्राप्त हुआ है,चतुर्विध संघ के सन्निधि में भक्ति कर पुण्यार्जन कर मनुष्य जन्म सार्थक करना चाहिए, सहारनपुर नगर की महिमा पूरे भारतवर्ष में विद्वानों की धरा और धर्म नगरी के रूप में विख्यात है,तदनुरूप आचरण करते हुए सिद्ध चक्र महामंडल विधान में की गयी भक्ति सातिशय पुण्यार्जन में निर्मित बनेगी।धर्म सभा में समाज के अध्यक्ष राजेश कुमार जैन संरक्षक राकेश जैन,सीए अनिल जैन, चौधरी अनुज जैन उपचौधरी संदीप जैन, नितिन जैन,अजय जैन दीपक जैन,मुकेश जैन,पंकज जैन,विपिन जैन, विभोर जैन सुरेंद्र जैन वैभव जैन, संजय जैन (चूड़ी वाले) प्रवीण जैन,नरेंद्र जैन, रवि जैन( कूलर वाले), संजय जैन छोटा,विकास जैन,संजय जैन (PWD),अजय जैन, दीपक जैन प्रदीप जैन आयुष जैन राजा राजीव जैन सर्राफ,सहित सैकड़ो श्रावक श्राविकाए उपस्थित थे, पूजन विधान में सम्पूर्ण सामग्री विनोद जैन आदित्य जैन परिवार द्वारा प्रदत करायी गयी।

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