प्राकृतिक संदेश वाहक : ट्री मैन त्रिमोहन मिश्रा
(एक विनम्र प्रयास — किसी भावना को ठेस पहुँचाना उद्देश्य नहीं।
“मैं वही कहता हूँ, जो मेरे ईश्वर ने स्वप्न में मुझसे कहा।
अधूरा ज्ञान है, क्षमा करें। मकसद सिर्फ सत्य को साझा करना है।”
मुझे जन्म मेरे माँ बाप ने दिया, पर मैं पृथ्वी माता की संतान हूँ।
पेड़, मेरे पिता के समान हैं, सनातन धर्म ने सदैव प्रकृति के हर अंश — जल, वायु, अग्नि, आकाश, धरा, जीव-जंतु — को पूज्य माना है।
विशेष संदेश:
“हम सब सनातनी हैं, हनुमान जी पूर्वज हैं — यह शास्त्र भी कहते हैं, विज्ञान भी।”
इतिहास की सच्चाई:
हिंदू धर्म (सनातन धर्म) सिंधु घाटी और वैदिक सभ्यता से आया। “हिंदू” शब्द फारसी से आया, जो सिंधु नदी के पार रहने वालों के लिए प्रयोग हुआ।
हमारे शास्त्र — वेद, उपनिषद, पुराण, महाभारत, रामायण, गीता — हजारों वर्ष पुराने हैं।
इस्लाम धर्म सिर्फ 610 ईस्वी में पैगंबर मुहम्मद साहब के माध्यम से अरब में शुरू हुआ और फिर 7वीं सदी में व्यापारियों के जरिए भारत की में पहुँचा।

संदेश:
इस्लाम भी एकेश्वरवादी धर्म है, एक ईश्वर (अल्लाह) को मानने वाला है, परंतु ऐतिहासिक घटनाओं में कई बार भ्रम, आक्रोश और दुर्भावनाएं पनपीं।
कुछ अराजक तत्वों ने इस्लाम का दुरुपयोग कर आतंक फैलाया, और दुर्भाग्यवश कश्मीर सहित कई इलाकों में दर्दनाक घटनाएं हुईं।
पर मूल धर्म — चाहे वह हिंदू हो या इस्लाम — कभी किसी का बुरा नहीं सिखाता।
“धर्म वह है जो जोड़ता है, तोड़ता नहीं।”
कटु सत्य:
जब इंसान अपने ग़लत कर्मों का दोष दूसरों पर डालता है, तो संघर्ष जन्म लेता है।
पाकिस्तान जैसी ताकतों ने इस जहर को फैलाया।
पर हमें समझना है कि असली लड़ाई “भाइयों” में नहीं, बल्कि “भ्रम” के खिलाफ है।
अंतिम संदेश:
हर जीवधारी, हर आस्था, हर धर्म का सम्मान करें।
खुद को सनातनी समझें — सनातन अर्थात् “शाश्वत”, जो हमेशा था, है और रहेगा।
प्रकृति और मानवता — यही असली पूजा है। जय श्रीराम। पृथ्वी माता की जय।
करते रहेंगे जागरूक पर्यावरण परिवर्तन रक्षक — ट्री मैन त्रिमोहन मिश्रा
हमें दुख है उन परिवारों का बदला लो, वापस दो हमारा हक, जान देदो वतन भारत के लिए मुझे भेज दो मैं तैयार हूं, मौका है मां के लिए लड़ने का हर जवान जो चाहता है मैं बॉर्डर पर लड़ूं क्या आप हो…?