कानून लखनऊ के कैसरबाग क्षेत्र में इन दिनों एक नए ‘धुएं वाले पर्यटन स्थल’ के रूप में उभर रहे हैं। जहां हुक्का पीने के लिए उम्र की भी कोई सीमा नहीं। यहां ‘कैफे डायना’, ‘नाइट मून’, ‘गॉडफादर’, ‘डिलोडेड’ और ‘कैफेटल’ जैसे हुक्का कैफे इतने बेखौफ हैं कि लगता है।
जैसे कानून ने इन्हें किसी VIP पास के साथ आशीर्वाद दे रखा हो। रात 11 बजे के बाद अगर आप सोचते हैं कि पुलिस बहुत सख्त है, तो आप गलत सोचते हैं। सख्ती सिर्फ समोसे, चाय और पराठे बेचने वालों के लिए ही है। हुक्का कैफे चलाने वालों के लिए तो जैसे पुलिस ने ‘रात भर सेवा’ का ठेका दे रखा है।

छोटे दुकानदारों की दुकानें बंद करवा कर कैसरबाग पुलिस अपनी सतर्कता का सबूत देती रहती है और ठीक उसके बाद वहीं पास में हुक्का कैफे से धुआं छूटता रहता है। ऐसे में कह सकते हैं कानून का अच्छा खासा मज़ाक बना रही है कैसरबाग पुलिस। खुलेआम प्रतिबंधित तंबाकू उत्पाद परोसे जा रहे हैं।
सूत्रों की माने तो कुछ में तो शराब तक परोसी जाती है। इलाके के निवासी परेशान हो चुके हैं, पर कैसरबाग पुलिस ‘स्मोक स्क्रीन’ जैसे से आंधी हो चुकी है…..