Barabanki News: नेता वही, जो हर बार लौटे मैदान में जीत के इरादे से: नरेन्द्र वर्मा 

धारा लक्ष्य समाचार

बाराबंकी। जिले की न्यायिक दुनिया फिर उसी मोड़ पर खड़ी है, जहां से नेतृत्व की एक नई इबारत लिखी जानी है, पर इस बार इबारत नई नहीं, क़लम वही पुराना है। उक्त विचार नरेंद्र वर्मा ने नामांकन के बाद व्यक्त किये।

श्री वर्मा ने आगे कहा कि कोर्ट परिसर में उस वक्त एक विशेष हलचल थी, जब अधिवक्ताओं की भीड़ के बीच से एक सधा हुआ, अनुभवी चेहरा नामांकन कक्ष की ओर बढ़ा। ये सिर्फ पर्चा दाखि़ला करने का पल नहीं था, ये एक संदेश था, मैं लौट आया हूँ,

फिर से साथ चलने के लिए। मैं सिर्फ पूर्व बार अध्यक्ष नहीं हूँ, उस सोच का नाम हूं जो बाराबंकी के हर अधिवक्ता के दिल में बसता है। उन्होंने वर्षों तक न केवल एसोसिएशन को नेतृत्व दिया, बल्कि हर उस मुद्दे पर आवाज़ उठाई, जहां अधिवक्ताओं को सिस्टम के भीतर या बाहर चुनौती मिली। कभी किसी जूनियर का केस रुका हो, तो मैं स्वयं खड़ा मिला हूंँ।

कभी अधिवक्ताओं की सुरक्षा का सवाल आया, तो वह सबसे पहले बोला और जब एसोसिएशन की गरिमा को संभालने की घड़ी आई,तो उन्होंने नतीजों की परवाह किए बिना निर्णय लिया, क्योंकि मैं नेता हूं, सौदागर नहीं। चुनावी माहौल तेज़ है।

श्री वर्मा ने आगे कहा कि 8 मई को वोट पड़ेंगे और 9 मई को परिणाम आएंगे, लेकिन कोर्ट के गलियारों में चर्चा आज से ही साफ हैं कि “इस बार मुकाबला किसी से नहीं, अनुभव और विश्वास से है और उस पर पहले से ही मुहर लग चुकी है।”

बाराबंकी बार को नेतृत्व नहीं चाहिए, उसे दिशा देने वाला व्यक्तित्व चाहिए। बार को फिर से नरेंद्र वर्मा चाहिए क्योंकि जब वक्त कठिन हो, तो भीड़ नहीं, भरोसा चाहिए और नरेंद्र वर्मा वही भरोसा हैं, जो हर अधिवक्ता के साथ खड़ा रहता है, हर वक्त, हर हाल में। इसी मौके पर वरिष्ठ एडवोकेट मोहम्मद हारून, अजय चौहान, चंद्रशेखर वर्मा, रुद्र प्रकाश सिंह, वैभव द्विवेदी, ललित वर्मा, रोहित यादव, रवि यादव, संजय वर्मा, धीरेंद्र वर्मा, प्रवेश वर्मा आदि रहे।

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